श्री शाश्वत शिव मंदिर
Shri Shashwat Shiv Mandir
श्री शाश्वत शिव मंदिर के नाम से जाने जाने वाला भव्य भगवान् शिव मंदिर इस गाँव की शोभा में चार चाँद लगता है. श्री शाश्वत शिव ट्रस्ट का निर्माण इस मंदिर और गाँव के विकास के लिए किया गया है. संस्था विभिन्न प्रकार के सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन समय समय पर करती रहती है.
गोड़सरा गाँव के बारे में
About Godsara Village
भारत देश के उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में स्थित गोड़सरा एक छोटा सा गाँव है. यह जिला मुख्यालय से १५ किमी पश्चिम में बस्ती, बभनान मार्ग पर स्थित है. चारों तरफ से खेतों और पेड़ों से घिरा हुआ गाँव प्राकृतिक रूप से बहुत ही सुन्दर दिखता है.
यादों का झरोखा
Window of Memories
मैं गाँव हूँ, मैं वहीं गाँव हूँ जिसपर ये आरोप है कि यहाँ रहोगे तो भूखे मर जाओगे। मैं वहीं गाँव हूँ जिस पर आरोप है कि यहाँ अशिक्षा रहती है. मैं वहीं गाँव हूँ जिस पर असभ्यता और जाहिल गवाँर का भी आरोप है। हाँ मैं वहीं गाँव हूँ जिस पर आरोप लगाकर मेरे ही बच्चे मुझे छोड़कर दूर बड़े बड़े शहरों में चले गए।
खेती किसानी और आजीविका
Farming & Livelihood
भारत ग्रामीण सभ्यता और संस्कारों का देश है, अच्छी फसल की पैदावार यहां के लोगों का सौभाग्य है। इसलिए यहां लोग अच्छी फसल की कामना करते हैं। इस बारे में लोगों का अनुभव ही उसकी ज्ञान सम्पदा है। हमें सभी लोगों को खेती और जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने का प्रयास करना चाहिए।
गोड़सरा गाँव
भारत देश के उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में स्थित गोड़सरा (Godsara) एक छोटा सा गाँव है. यह जिला मुख्यालय से १५ किमी पश्चिम में बस्ती, बभनान मार्ग पर स्थित है.
विभिन्न जातियों के ७० परिवार इस गाँव में बहुत ही प्रेम और शौहार्द के साथ रहते हैं. गाँव के सभी लोग एक दूसरे के सुख दुख में बढ़कर हिस्सा लेते है जो की भारतीय संस्कृति का बेहतरीन उदहारण है. यहाँ के लोगों की मुख्य भाषा हिंदी और खड़ी बोली है.
चारों तरफ से खेतों और पेड़ों से घिरा हुआ गाँव प्राकृतिक रूप से बहुत ही सुन्दर दिखता है. गाँव का श्री शाश्वत शिव मंदिर जन आस्था का केंद्र है. मंदिर की भव्यता जो की पहले ही नजर में आपका मन मोह लेगी, देखते ही बनती है.
भारत के अन्य गाँवों की तरह, विस्तृत खेती और रोजगार का अभाव होना इस गाँव के लिए भी अभिशाप साबित हुआ है. समुचित रोजगार न होने के कारण गाँव से योग्य लोगों का पलायन शहरों की तरफ चलता रहता है. शहरों के तरफ का पलायन कुछ सूनापन और भागमभाग लेकर भी आया है जो की आज भौतिकवादी समाज के लिए आवश्यक भी है. गाँव बहुत तेज गति से विकसित हो रहा है, लगभग सभी मकान पक्के हो गए हैं, पक्की सडकों का जाल बिछ गया है, लोगो के पास हर प्रकार के यातायात और मनोरंजन के साधन हो गए हैं.
गांधी जी ने कहा था की "असली भारत गांवों में बसता है".
गतिविधियां
कृषि
शिक्षा
सामाजिक कार्य
खेल
प्रस्तावित कार्यक्रम
Upcoming Events
महाशिवरात्रि उत्सव
अखंड रामायण पाठ - शुभारंभ- दिनांक: 08 -मार्च-2024.
श्री सुन्दरकाण्ड पाठ दिनांक: 08-मार्च-2024
भोजन एवं प्रसाद वितरण दिनांक: 09-मार्च-2024 (सायं 5:00 बजे से)
कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी और सहयोग के लिए समिति से संपर्क करें।
मकर संक्रांति/ उत्तरायण पर्व
माघे मासे महादेव: यो दास्यति घृतकम्बलम।
स भुक्त्वा सकलान भोगान अन्ते मोक्षं प्राप्यति॥
हनुमान जी का मंदिर निर्माण
आध्यात्मिक और भौतिक दोनों ही दृष्टि से हनुमत कृपा जीव को ब्रह्म की ओर ही उन्मुख करेगी, संसार में उसको अपने संसाधन परहित में लगाने के लिए प्रेरित करेगी। हनुमानजी के स्वरुप को समझने से पहलें हमें उनके ध्येय वाक्य को पहले समझना होगा। श्रीहनुमानजी का ध्येय वाक्य हैं “राम काज कीन्हे बिनु मोहि कहाँ बिश्राम” - हनुमानजी का प्राकट्य ही राम काज के लिए हुआ है.